SEO Glossary : 100+ SEO Terms और उनके Meanings in Hindi

Neha Arya
24 Min Read
ultimate SEO Glossary Terms definition

आज की ये Post बहुत ख़ास होने वाली है, आज हम आपको SEO Glossary और Basic SEO Terms meaning के बारे में बताने जा रहे है। आप अगर digital marketing और SEO में interested है तो आपको इनके बारे में जानना बहुत जरुरी है। वैसे तो SEO में बहुत सारे terms होते है, लेकिंग हम आपको important terms के बारे में बताएँगे जिनकी मदद से आप आप अपनी site को अच्छे से Rank कर पाएंगे।

एक beginner के तौर पर आपको SEO terms और उनके meaning के बारे में आपको विस्तार से निचे बताया है. सभी को याद रखना तो मुश्किल नहीं है लेकिंग धीरे धीरे आपको सारे terms याद रह जायेंगे।

SEO Glossary Meanings in Hindi

यदि आप blogger और seo expert है तो इन सभी terms और उनके मीनिंग के बारे में जरूर पता होना चाहिए। जिस से आप अपनी साइट को seo अच्छे से कर पाएंगे और updates की जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।

SEO Glossary – 100+ SEO Terms and Their Meanings

301 Redirect: यह खोज इंजन के लिए एक संकेत है जिस से एक वेब पेज से visitor को दूसरे page पर भेज दिया जाता है। इस तरह से आप search engine को बता सकते है की आपके मूल पृष्ठ को दूसरी URL पर redirect किया गया है।

404 Error: एक प्रकार की तकनीकी एसईओ त्रुटि जो वेब पेज को संकेत देती है, की आपकी साइट पर कोई डाटा नहीं है। (अक्सर क्योंकि इसे स्थानांतरित या हटा दिया गया है)।

Algorithm: खोज इंजन द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक जटिल कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसकी मदद से आपको तुरंत किसी भी चीज़ का रिजल्ट मिल जाता है। खोज इंजन कई रैंकिंग कारकों और बहुत से संकेतों के आधार पर रैंक किए गए वेबपृष्ठों को वितरित करने के लिए एल्गोरिदम के संयोजन का उपयोग करते हैं।

Alt Text: ये images के लिए उपयोग में किया जाता है. इसकी मदद से search engine को ये पता चलता है के ये image किस बारे में है. इस तरह से आपकी आपकी सभी images भी rank करने लगती है।

Anchor Text: एंकर टेक्स्ट SEO का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि अगर आप इसे सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERPs) पर आपकी रैंकिंग बढ़ा सकता है। इसके साथ आप कीवर्ड के साथ किसी भी पेज की लिंक को जोड़ सकते है। इस से visitor को आपकी साइट पर विभिन्न पृष्ठों के बीच नेविगेट करने में मदद करने के लिए किया जाता है।

AMP: Accelerated mobile pages की मदद से आप अपनी site को मोबाइल पर बहुत जल्दी से load करवा सकते है। AMP का उपयोग अक्सर समाचार वेबसाइटों द्वारा किया जाता है। यह आपकी साइट से HTML, CSS और Javascript को compress करने के साथ website request को काम करता है जिस से आपकी site का loading time कम हो जाता है।


Backlink: ये एक link होता है जो किसी अन्य वेबसाइट से आपकी वेबसाइट पर जाने का रास्ता बनाती है। जब एक वेब पेज के लिंक को दूसरे वेब पेज के लिंक से जोड़ा जाता है, तो इसे बैकलिंक कहा जाता है।

Black Hat SEO: अपनी site को search engines में जल्दी से rank करने के लिए जिस तकनीक का उपयोग किया जाता है, उसे Black Hat SEO कहा जाता है। agar आप अपनी साइट को Long terms के लिया rank रखना चाहते है तो ये आपके लिए safe नहीं है और इससे आपको penalty लगने का खतरा रहता है।

Breadcrumb: यह एक नेविगेशन तत्व है जो वेबसाइट की संरचना के संबंध में आपका वर्तमान स्थान दिखाता है। blogging sites के लिए ये बहुत ही जरुरी है, SEO ranking का ये बहुत ही important factor है।

Bounce Rate: किसी वेब पेज या वेबसाइट पर आने वाले विज़िटर्स का प्रतिशत जो वेबसाइट पर सिर्फ एक पेज देखने के बाद छोड़ देते हैं। Bounce rate किसी भी site की रैंकिंग के लिए बहुत ही जरुरी है। इसका परसेंट जितना कम होगा आपकी साइट के लिए उतना ही अच्छा है। आमतौर पर एक “अच्छी बाउंस दर” हर website के हिसाब से अलग-अलग होती है और यह ट्रैफ़िक स्रोत पर भी निर्भर करती है।

Broken Link: जब आप अपने ब्लॉग पर कोई भी पेज डिलीट करते हैं लेकिन उसका लिंक कहीं भी उपलब्ध होता है, तो उसे ब्रोकन लिंक कहा जाता है यानी ऐसा लिंक जो आपके ब्लॉग पर एरर दिखाता है या मौजूद नहीं है, तो उसे ब्रोकन लिंक कहा जाता है। ये आपकी साइट के घातक सिद्ध हो सकती है।


Click-Through Rate: Google खोज परिणामों में आपके लिंक को देख कर उस पर क्लिक करने वाले लोगों के अनुपात को CTR कहा जाता है। उच्च क्लिक-थ्रू दरों का अर्थ है अधिक क्लिक या विज़िट। आपकी वेबसाइट Google में जितनी ज्यादा Top Ranking पर होगी, उसकी Click-Through Rate (CTR) उतना ही ज्यादा होगा।

Crawling: हमें जो भी content चाहिए होता है उसके लिए हम Google पर search कर लेते है। लेकिंग गूगल, बिंग, डक डक जैसे सर्च इंजन कैसे इस तरह के कंटेंट को पढ़ते है। इसके लिए वो Google Bots का इस्तेमाल करते है। इस से search engine को पता चल जाता है की किस website पर किस तरह का content है। इस पूरी process को crawling कहा जाता है।

Content: Content किसी भी साइट के लिए बहुत ही important है। यह किसी भी तरह का Text Form, Image या फिर Video हो सकता है। SEO में High Quality Content का बहुत बड़ा role है जो आपकी Search engine ranking को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

Core Web Vitals: CWV आपकी वेबसाइट के Loading time बताता है। इसके साथ ही यह User experince को भी बताता है। ये Google Webmaster का एक Tool है। इसमें निम्नलिखित 3 मीट्रिक शामिल हैं:

  • Largest contentful paint (LCP)
  • First input delay (FID)
  • Cumulative layout shift (CLS)

Domain: यह एक वेबसाइट का पता होता है – आमतौर पर वेबसाइट का .com, .org, या .net जैसे एक्सटेंशन के साथ समाप्त होता है। उदाहरण के लिए www.minidea.co.in हमारी वेबसाइट का डोमेन है। एक अच्छा डोमेन नाम आपकी साइट के SEO पर गहरा प्रभाव डालता है।

Domain Authority: Domain Authority (DA) एक SEO Matrics है जिसको Moz द्वारा बनाया गया है। यह तब आया है जब Google ने पेजरैंक डेटा को अपडेट करना बंद कर दिया था। Domain Authority की मदद से Search engine आपकी वेबसाइट की तुलना अन्य websites से करता है और इसके आधार पर site को rank करता है।

इसके साथ ही ये आपको ये बताने का काम करता है कि आपकी वेबसाइट Google को कितनी “आधिकारिक” दिखती है और उच्च समान वेबसाइटों को रैंक करने की कितनी संभावना है। आमतौर पर जिस website का Domain Authority जयदा होती है उनके रैंक करने की सम्भावना बढ़ जाती है।

Duplicate Content: जब किसी webpage में ऐसा content होता है जो शब्द-दर-शब्द इंटरनेट पर किसी अन्य website के साथ मिलता है तो इसको duplicate content माना जायेगा। जब Google ऐसे pages को देखता है जिस पर duplicate content तो उन्हें search engine में rank नहीं होने देता।

इसलिए जब भी कंटेंट लिखे वो original होना चाहिए किसी का copy नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो आपके webpage को rank करने में बहुत परेशानी का सामान करना पड़ेगा।


External Link: जब आप अपनी साइट पर दूसरे डोमेन से एक हाइपरलिंक को अपने कंटेंट में जोड़ते है, जो की बाहरी डोमेन को इंगित करता है। External link कहा जाता है। ये किसी भी webpage को रैंक करने के लिए बहुत जरुरी है। उदाहरण के लिए, जब भी आप अपनी वेबसाइट पर किसी विकिपीडिया लेख का संदर्भ देते हैं, तो आप हर बार एक बाहरी लिंक बनाते हैं। आप अपने site के page पर कितने भी external links को add कर सकते है।


Google Search Console: Google Search Console (GSC) Google का एक निःशुल्क टूल है जो Google से आपकी वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफ़िक को देखने का एक तरीका प्रदान करता है। इसके साथ ही GSC आपकी साइट की उन समस्याओं की पहचान करने में आपकी सहायता करता है जो आपकी search engine ranking को कम करता हैं। इसके साथ ही ये आपकी साइट में ये भी check करता है की google आपकी साइट को किस तरह से crawl कर रहा है। इसके साथ ही ये आपको बहुत सी जानकारी, जैसे Site Impression, No Of Clicks और उनकी Position को बताता है। जो की किसी भी साइट को rank करने के लिए बहुत जरुरी है।

Google Analytics: ये Google द्वारा बनाया गया एक Analytics Softwear है जो आपको अपनी वेबसाइट पर सभी प्रकार की जानकारी को ट्रैक करने के लिए बनाया गया है। इसकी मदद से आपकी साइट को प्राप्त होने वाला Traffic, Traffic source, Visitor bihavior, bounce rate के साथ साथ और बहुत कुछ बताता हैं। इसके साथ यह आपके पिछले डेटा को वर्तमान के डाटा से तुलना करके आपकी वेबसाइट की वृद्धि, ताकत और कमजोरियों का आकलन कर सकते हैं।

Google PageSpeed Insights: किसी भी website के loading time को चेक करने का एक ऑनलाइन टूल है जो यह विश्लेषण करता है कि वेबसाइट कितनी तेजी से लोड होती है। Website Loading Time किसी भी साइट ranking के लिए बहुत जरुरी है।

Guest Post: जब भी आप किसी और की blogging साइट पर अपना content publish करते है तो उसको guest post कहा जाता है। ये Link Building करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसकी मदद से आप अपने साइट के लिए high quality backlinks बना सकते है।


Heading: एक अच्छा content लिखने के लिए Heading बहुत ही जरुरी है। ये visitor और search engine robots दोनों को अपने वेब पेज के content को अच्छे तरीके से समझने में मदद करते हैं। Heading पांच प्रकार के होते हैं (H1 से H5 तक) जिसमें H1 टैग सबसे महत्वपूर्ण होता है। किसिस भी webpage के लिए H1 Tag को उसके प्रमुख विषय को बताता है।

Hidden Text: जब भी कोई content आपकी site में छिपा होता है जो visitor को दिखाई नहीं देता है इसको code के माध्यम से आपके webpage में use किया जाता है। ये एक Black Hat SEO Technique है। अगर आप ऐसा करते है तो आपकी site ranking down भी हो सकती है।


Indexed Page: Google Crowler द्वारा खोजा गया एक webpage, एक खोज इंजन अनुक्रमणिका में जोड़ा गया है, और प्रासंगिक प्रश्नों के लिए खोज परिणामों में प्रदर्शित होने के योग्य है।

Internal Links: जब एक ही डोमेन पर एक पेज को दूसरे पेज से लिंक करना, Internal Linking कहा जाता है। यह आपकी वेबसाइट के एक पेज को दूसरे पेज से जोड़ता है।


Keyword Research: जब भी आप article लिखते है और उसका SEO करने के लिए आप कुछ शब्दों को इंटरनेट पर ढूंढने की प्रक्रिया को Keyword Research कहा जाता है। इसमें आप ये पता लगते है कि लोग इंटरनेट पर सामग्री खोजने के लिए किन शब्दों या वाक्यांशों का उपयोग कर रहे हैं। यह समझने की विशिष्ट प्रक्रिया को भी संदर्भित कर सकता है कि इंटरनेट पर एक निश्चित शब्द या शब्दों के समूह को कैसे खोजा जाता है। किसी भी article को rank करने के लिए ये बहुत जरुरी है।

Keyword Density: जब भी आप content लिखते है तो उसमे उपयोग किये जाने वाले किसी कीवर्ड का उपयोग किए जाने की संख्या और सामग्री के कुल शब्दों के बीच का अनुपात है। उदाहरण के लिए, यदि विषय पर 500 शब्द की ब्लॉग पोस्ट लिखते है और आप Keyword को 5 बार लिखते है keyword density 1% होगा।

Keyword Stuffing: अक्सर blogger अपनी search engine ranking को बढ़ने के लिए अपने article में irrelevant keywords या किसी keyword को बार बार लिखना keyword stuffinf कहलाता है। यह एक Black Hat SEO process है जो की Google के webmaster guidelines के विरुद्ध है।


LSI Keywords: इस तरह के Keywords आपके Primary और Focus Keywords से संबंधित होते हैं। LSI कीवर्ड का उपयोग सर्च इंजन द्वारा यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि किसी दिए गए विषय के लिए कौन से शब्द सबसे महत्वपूर्ण हैं। अगर आप इस तरह के कीवर्ड को अपने blog या webpage में उपयोग करेंगे तो Google जैसे प्रमुख खोज इंजनों में अपनी रैंकिंग सुधारने में मदद करेंगे।

Links Building: उच्च-गुणवत्ता और अपने website के niche से संबंधित वेबसाइटों से आपकी वेबसाइट के लिंक प्राप्त करने की प्रक्रिया को link building कहा जाता है। ऐसा करने की बहुत साड़ी प्रोसेस है।

Local SEO: अपनी website या अपने व्यवसाय को आपके उत्पादों या सेवाओं की खोज करने वाले स्थानीय लोगों के लिए खोज इंजन परिणामों में उच्च रैंक देने के लिए Local SEO Technique का इस्तेमाल किया जाता है।

Long Tail Keyword: जब भी किसी keyword की लंबाई 3 या 4 word से ज्यादा होती है तो इस तरह के कीवर्ड्स को Long Tail Keywords कहा जाता है। उदाहरण के लिए “website is seo in digital marketing” (6 Word) Long Tail Keyword है जबकि “What is SEO” एक Short tail keywords है। आमतौर पर इस तरह के कीवर्ड्स कम लोकप्रिय होते है, जिस वजह से इनका monthly volume कम होता है। इस तरह से इन्हे रैंक करना बहुत आसान होता है।


Meta Description: ये आपके वेबपेज का छोटा सारांश होता है जो अक्सर (हमेशा नहीं) खोज परिणामों में आपकी वेबसाइट लिंक के नीचे प्रदर्शित होता है। यह आपके पाठकों को एक क्लिक को लुभाने के लिए वेबपेज (शीर्षक के अलावा) के बारे में सूचित करता है। ये सर्च इंजन अप्टिमिज़ेशन (SEO) के लिए बहुत जरुरी होते हैं। Meta Description के बिना SERPs मे rank करना बहुत मुश्किल है।

Mobile-first indexing: मोबाइल-फर्स्ट इंडेक्सिंग Google का नया एल्गोरिथम है जो की ये देखता है की आपको site mobile user के लिए सही है या नहीं। अगर आपकी साइट mobile के अनुसार सही नहीं है तो यह साइट की रैंकिंग पर बहुत बुरा प्रभाव डालेगा।


Niche: किसी special topic या single category के ऊपर बनाई बनाये गए Topic को Niche कहा जाता है। आज कल micro niche blogging बहुत पॉपुलर है। आहार आप Health पर content लिख तहे है या फिर आप education पर ही content लिख रहे है तो ये सभी एक niche है। आप किसी पर भी blog बना सकते हो।

Negative SEO: अक्सर SEO expert अपने keywords को जल्दी rank करने के लिए ब्लैक हैट एसईओ विधियों का उपयोग करने लगते है।
जिस से आपके keyword rank तो कर जाते है लेकिन बहुत जल्दी ही Search engine ranking से बाहर हो जाते है। अगर आप लम्बे समय के लिए Ranking में रहना चाहते है तो इन Techniques का इस्तेमाल ना करे।

Nofollow Links: ये एक तरह का लिंक है जो rel=”nofollow” एट्रिब्यूट के साथ एम्बेड नहीं किया गया है। “नोफ़ॉलो” विशेषता खोज इंजन क्रॉलर को वेबपेज पर लिंक का पालन नहीं करने के लिए कहती है। Nofollow links simply search engine bots को link follow करने के लिए allow नहीं करते। सिर्फ visitor ही links को follow कर पाते है।

जब आप किसी page के सभी external links को link juice पास नहीं करना चाहते तो nofollow टैग्स का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह से आप स्पैमिंग और बेकार सामग्री वाले क्रॉलर को परेशान करने से बचने में मदद करता है।


On-Page SEO: यह एक कंटेंट मार्केटिंग रणनीति है जिसमे आप सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के जरिए वेबसाइट की authority और traffic को बढ़ने में मदद करता है। ये अभूत से कारको पर निर्भर करता है जैसे – Page Title, Meta Description,Keywords और Images Alt txt शामिल है। इसका मुख्य उद्देस्य Search Engine के लिए आपकी साइट को उच्च रैंकिंग की संभावना में सुधार करना है।

Organic Traffic: जब कोई विजिटर आपकी साइट पर किसी keywords या query को Google या Bing पर search करके आता है, तो इसको Organic Traffic कहा जाता है। आर्गेनिक ट्रैफिक को बढ़ाना बहुत मुश्किल है, इसके लिए आपको बहुत से SEO Tips को follow करना होता है।

Orphan Page: जब किसी post को किसी भी page पर link नहीं किया जाता, तो उनको Orphan page कहा जाता है। इस तरह के pages को क्रॉल करने में समय लग सकता है।


Page Authority: पेज अथॉरिटी को Moz द्वारा विकसित किया गया जो की आपको बताता है की पेज को सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERPs) पर कैसे रैंक किया जाएगा; इसकी स्कोर रेंज 1 से 100 तक है, जितना ज्यादा स्कोर आपकी रैंकिंग को बढ़ाता है।

PBN: यह एक निजी ब्लॉग नेटवर्क होता है जिसमे एक व्यक्ति या समूह के स्वामित्व वाले ब्लॉगों का समूह है। जिसमें कम से कम दो वेबसाइटें होती हैं, जिसमें कुछ पृष्ठ एक-दूसरे से इस तरह से जुड़ते हैं। बहुत से लोग PBN नेटवर्क की मदद से किसी भी वेबसाइट को बहुत जल्दी रैंक करवाते हैं क्योंकि उनके पास एक पूरा ब्लॉग नेटवर्क होता है। इसके साथ ही वे आसानी से किसी भी नई वेबसाइट के DA और PA को बैकलिंक के माध्यम से बढ़ा सकते हैं।


Referral Traffic: जब आपकी साइट पर ट्रैफिक सर्च इन के बजाय अन्य वेबसाइटों से आता है। तबै उसे रेफरल ट्रैफिक कहा जाता है क्युकी यह किसी साइट से refer होकर आता है।

Rich Results: इसका उपयोग structure data markup का वर्णन करने के लिए किया जाता है। स्ट्रक्चर डेटा मार्कअप के जरिए जो डेटा पोस्ट में डाला जाता है। इसे सर्च इंजन के जरिए बेहतरीन तरीके से दिखाया जाता है। Rich result आम तौर पर छवियों, वीडियो, टेक्स्ट स्निपेट और अन्य दृश्य तत्वों के रूप में प्रदर्शित होते हैं। इसका उपयोग अपने ब्रांड या उत्पाद में रुचि रखने वाले खोजकर्ताओं के लिए एक अधिक immersive अनुभव बनाने के लिए भी किया जा सकता है।


Sitemap: यह आपकी साइट का एक XML रूप है जो आपकी वेबसाइट के सभी पृष्ठों को आसानी से खोजने में मदद करता है। साइटमैप की मदद से आप अपनी वेबसाइट को आसानी से क्रॉल करते हैं।

Search Intent: इसको audience intent भी कहा जाता है। Search Engine मेजब भी कोई query searcher द्वारा search की जाती है तो उसे ही search intent कहा जाता है।

SEO Audit: यह आपकी वेबसाइट की रक तरह की रिपोर्ट हॉट है जिसमे SEO के दृष्टिकोण से प्रदर्शन का एक व्यापक विश्लेषण होता है। इसकी मदद आपको ये निर्धारित करने में सहायता मिलती है कि कौन सी सामग्री आपकी वेबसाइट से गायब है, और किस तरह के कीवर्ड की आवश्यकता है। इसके साथ और भी तकनीकी समस्या है जिसे ठीक करने की आवश्यकता है।

FAQs : SEO Glossary

SEO की दो तकनीकें क्या हैं?

SEO तकनीकों को दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है, जो कि White Hat SEO और Black Hat SEO हैं।

SEO मॉनिटरिंग क्या है?

SEO मॉनिटरिंग आपकी वेबसाइट और सर्च इंजन पर visibility और ranking की निगरानी करन। का कार्य है कि आप उन्हें बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।

निष्कर्ष : SEO Terms and Definitions

आज के आर्टिकल में आपको SEO Glossary और definitions के बारे में बताया। अब आप Basic SEO Terms के बारे में समझ ही गए होंगे। किसी भी SEO Expert के लिए इसके बारे में जानकारी होना जरुरी है। इस से जब भी आप SEO Work करेंगे तो आसानी से अपने काम को track कर पाएंगे और उसी के अनुसार अपने काम को कर पाएंगे।

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