Om Jai Jagdish Hare : विष्णु भगवान की आरती

Raaj Sharma
4 Min Read
Om Jai Jagdish Hare Aarti

Om Jai Jagdish Hare : हिन्दू मान्यता में भगवान् विष्णु का सबसे अधिक महत्त्व है। भगवान विष्णु (bhagwan vishnu) को कई नामो से जाना जाता है। श्री जगदीश के भक्ति अनुष्ठान के लिए आरती और भजन का गायन किया जाता है। आरती के समय भगवान् को प्रकाश (आमतौर पर जलते हुए दीपक या मोमबत्तियों के रूप में) अर्पित किया जाता है।

ओम जय जगदीश हरे एक पारंपरिक हिंदू भक्ति गीत है जिसको धार्मिक समारोहों और त्योहारों में गाय जाता है। यह मधुर रचना भगवान विष्णु को समर्पित है। इस आर्टिकल में हम ॐ जय जगदीश हरे की आरती के साथ इसके महत्त्व को साँझा कर रहे है।

ॐ जय जगदीश हरे का महत्व

ओम जय जगदीश हरे हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। यह आरती भगवान विष्णु के प्रति भक्ति, समर्पण का प्रतिक है। भगवान की आरती के दौरान इस गीत का गायन किया जाता है।

ओम जय जगदीश हरे को समर्पित विभिन्न अवसरों और त्योहारों, जैसे विष्णु जयंती, जन्माष्टमी, या राम नवमी पर गाया जाता है। इसके साथ दैनिक आरती (भक्ति अनुष्ठान) के दौरान भी इसको गाय जाता है। सभी भक्त भक्तिभाव से गाते समय इसका आनद लेते है।

हिंदू अनुष्ठानों में ॐ जय जगदीश हरे की भूमिका – Role of Om Jai Jagdish Hare in Hindu rituals

ओम जय जगदीश हरे को अधिकतर आरती अनुष्ठान में शामिल किया जाता है। इसकी स्तुति के समय भगवान के सामने एक जलता हुआ दीपक लगाते है। हिंदू अनुष्ठान प्रथाओं का एक अभिन्न अंग है, इस से वातावरण सुद्ध हो जाता है। यह गीत धार्मिक समारोहों और त्योहारों में आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति जोड़ता है।

ओम जय जगदीश हरे गीत की रचना किसने की?

ओम जय जगदीश हरे की रचना 19वीं सदी में पंडित शारदा राम फिल्लौरी ने की थी। वह पंजाब के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। उनके द्वारा रचित ये रचना बहुत लोकप्रिय हो गई और तब से इसे दुनिया भर में लाखों लोगों ने गाया है। ओम जय जगदीश हरे को विभिन्न धार्मिक और उत्सव के अवसरों पर गाया जा सकता है। आमतौर पर सभी धार्मिक कार्यक्रमों में इसको सुना जा सकता है।

Share This Article
Leave a comment