End to End Encryption क्या है? WhatsApp में इसका क्या मतलब है?

Neha Arya
6 Min Read
End to End Encryption Kya Hai in Hindi

हम सभी ने मोबाइल में WhatsApp या कोई app चलाते समय end to end encrypted के बारे में जरूर सुना होगा। यह एक तरह की तकनीक है, जिसका इस्तेमाल privacy और data security के लिए किया जाता है। अगर आप इसको कही लिखा देखे तो समझ जाना कि ये आपकी सुरक्षा के लिए है।

End to End Encryption की सबसे अच्छी बात यह है की आपके द्वारा भेजा गया सन्देश encrypt होने के बाद सर्वर पर जाकर decrypt नही होता बल्कि वह एन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में ही स्टोर होता है जिसके बाद जब यह recipient के डिवाइस पर पहुँचता है तो उस डिवाइस में उपलब्ध private key के जरिये डाटा को decrypt करके अपने original format में दिखाया जाता है।

End to End Encryption क्या है?

एंड टू एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए किया जाता है, जिसमे दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत और उनके बीच आदान-प्रदान होने वाले डाटा को सुरक्षित किया जाता है, जिससे कोई तीसरा व्यक्ति ना देख सके।

Encryption के जरिये किसी भी डाटा को एक ऐसे फार्मेट में बदल दिया जाता है जिसको केवल डाटा भेजने और प्राप्त करने वाले व्यक्ति का डिवाइस ही डिकोड कर सकता है और डाटा को देख सकता है।

कम्युनिकेशन के इस प्रोसेस में सभी तरह का डाटा और फाइल्स सिर्फ sender और receiver के device पर ही देख सकते है। इसलिए इसे एंड टू एंड एन्क्रिप्शन कहा जाता है। इससे प्राइवेसी को सुरक्षा मिलती है और डाटा भी सुरक्षित रहता है।

Encrypt का क्या मतलब है? End to End Encryption Meaning in Hindi

एन्क्रिप्ट का मतलब किसी डाटा भी तरह के डाटा या information की सुरक्षा के लिए उसे एक secret code में बदलना है जिसको सिर्फ authorized व्यक्ति ही पढ़ सके।

जब भी किसी डाटा को secret code में बदला जाता है तो उस डाटा को encrypted data कहा जाता है। जब भी किसी को डाटा सेंड किया जाता है तो उसको secret code में encrypt करना होता है, इस प्रोसेस को encryption कहा जाता है।

जब इस encrypted data को पढना होता है तो उसे वापस original format में बदला जाता है जिसे decrypt करना कहते हैं और इस प्रोसेस को decryption कहा जाता है।

इन दोनों प्रक्रिया के लिए अलग-अलग प्रकार के algorithm का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमे public key, private key के द्वारा डाटा को encrypt और decrypt किया जाता है।

ऐसे Apps जो End to End Encryption का उपयोग करते हैं

ऑनलाइन बहुत सारे Apps है जो एंड टू एंड एंक्रिप्शन का इस्तेमाल करते है इनमें से कुछ एप्स आप भी अपने मोबाइल पर जरूर उपयोग कर रहे होंगे आइए ऐसे ही कुछ एप्स के नाम जानते हैं:

  • WhatsApp
  • Facebook Messenger
  • Zoom
  • Signal
  • Viber
  • Telegram
  • Samsung Messages
  • Google Messages
  • Line आदि

इनके अलावा और बहुत से प्लेटफॉर्म्स और वेबसाइट है जो डाटा को secure करने के लिए End to End Encryption का इस्तेमाल करते है।

End to End Encryption के फायदे

End to End Encryption का इस्तेमाल सबसे ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने के बहुत से फायदे है, जिसके बारे में यहाँ बता रहे है।

डाटा हैकिंग से बचाता है: End to End Encryption में डाटा को अनलॉक करने के लिए Privet Key कि जरुरत होती है, यदि कोई सर्वर को हैक कर भी लेता है तो उसको अनलॉक नहीं कर पाते क्युकी उनके पास आपकी Priver Key नहीं होती है।

सरकार या कंपनी आपकी जासूसी नही कर सकता: इंटरनेट पर ऐसे कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म है, जहां पर डाटा इंक्रिप्टेड फॉर्म में नहीं होता जिसे सरकार या कोई भी कंपनी आसानी से उपयोग कर सकती है। End to End Encryption होने से कोई भी डाटा को नहीं देख सकता।

प्राइवेसी की सुरक्षा करता है: इसके जरिये आपके डाटा को कोई एक्सेस नहीं कर सकता जिससे आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रहती है यहां तक कि सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी, टेलीकॉम ऑपरेटर आदि भी आपके data को read नहीं कर सकते।

एंड टू एंड इंक्रिप्शन का उपयोग प्राइवेसी प्रोटेक्शन और डाटा सिक्योरिटी के लिए किया जाता है। इस लेख में हमने एंड टू एंड एंक्रिप्शन क्या होता है? इसके लाभ और इसका इस्तेमाल कहा-कहा होता है, इस बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की है।

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Hello, friends मेरा नाम Neha Arya, Minide.co.in में Author & Co-founder हूँ. आप हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहिये हम आपको नई - नई जानकारी उपलब्ध करते रहेंगे।
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