12 ज्योतिर्लिंग कहां है? Jyotirling Names, Places in India

Karn Arya
7 Min Read
Jyotirling Names and Places in India
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12 Jyotirling Names and Places in India – हिन्दू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्त्व है, पुरे भारत में में ये स्थित है। भारत के उत्तर में केदारनाथ (उत्तराखंड) है, तो दक्षिण में रामेश्वरम (तमिलनाडु) तक, इसी प्रकार पूर्व दिशा की ओर बढ़े तो वैद्यनाथ (झारखंड) है। सभी ज्योतिर्लिंंगो का सम्बन्ध महादेव जी है। हिन्दू धर्म में मन जाता है की इनके दर्शन मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप और कष्ट समाप्त हो जाते यही।

हर साल लाखो लोग इनके ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जाते है और शिवजी के कृपा पात्र बन जाते है। आज के लेख में हम आपको 12 Jyotirling Names हुए ये भारत में कहा स्थित है, इसके बारे में बता रहे है।

ज्योतिर्लिंग कहां कहां है 12 Jyotirling In India

क्र. सं.12 ज्योतिर्लिंग के नाम12 jyotirling places
1.सोमनाथसौराष्ट्र क्षेत्र, गुजरात
2.मल्लिकार्जुनश्रीशैल, आंध्र प्रदेश
3.महाकालेश्वरउज्जैन, मध्य प्रदेश
4.ओंकारेश्वरखंडवा, मध्य प्रदेश
5.केदारनाथरुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
6.भीमाशंकरपुणे, महाराष्ट्र
7.काशी विश्वनाथवाराणसी, उत्तर प्रदेश
8.त्र्यम्बकेश्वरनासिक, महाराष्ट्र
9.वैद्यनाथदेवघर, झारखंड
10.नागेश्वरद्वारका, गुजरात
11.रामेश्वरमरामेश्वरम, तमिलनाडु
12.घृष्णेश्वरऔरंगाबाद, महाराष्ट्र

12 ज्योतिर्लिंग के नाम (Jyotirling Ke Naam)

भारत में अलग अलग स्थानों पर ये 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है। जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे है, जिस से आपको भी इनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त हो सके।

सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो की गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित है। इसका निर्माण स्वयं चन्द्र देव ने करवाया था और जिसका उल्लेख ऋग्वेद में पढ़ने को मिलता है। हिन्दू धर्म में इसका बहुत धार्मिक और पौराणिक महत्त्व है। इसके साथ यहाँ पर तीन नदिओं हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है, जिस वजह से लाखो लोग हर साल इस त्रिवेणी स्नान का धार्मिक लाभ लेने आते है।

सोमनाथ मंदिर पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि धार्मिक कर्म-कांडों के लिए पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की चैत्र, भाद्रपद, कार्तिक माह में यहाँ पर लोग श्राद्ध करने के लिए आते है, जिस से पितृ दोष नष्ट होते हैं। इस वजह से साल के तीन माह में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

मल्लिकार्जुन

श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर स्थित श्रीशैल पर्वत पर मौजूद है। इस ज्योर्तिलिंग को कैलाश की उपमा दी गई है, हमारे धार्मिक ग्रंथो में इसका उल्लेख मिलता है। बताया जाता है कि श्रीशैल पर्वत पर भगवान महादेव की तपस्या करने से एक व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त प्राप्त होता है। इनके दर्शन करने से मात्र लोगो के पाप नष्ट हो जाते है।

यह एक ऊंचे पत्थर से निर्मित चारदीवारी के मध्य में स्थित है। यहाँ पर मंदिर में हाथी-घोड़ों की आकृतियां बनी हई हैं। जो कि देखने में बहुत ही आकर्षक है, हर साल लाखो लोग यहाँ पर आते है।

महाकालेश्वर

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी के तट पर मौजूद है। 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर का विशेष महत्त्व है। इसके साथ यहाँ पर हर 12 साल में एक बार सिहस्थ यानी कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। यहाँ के बारे में मान्यता है कि जो राजा महाकाल का भक्त है उसका काल भी कुछ नहीं बिगड़ सकता। ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी का एक मात्र मान्य शिवलिंग है। इसका अर्थ यह है कि आकाश में तारक लिंग, पाताल में हाटकेश्वर लिंग तथा पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।

जब समुद्र मंथन के बाद देवता अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए जा रहे थे तब उनके अमृत कलश से अमृत की बूँद धरती पर गिर गई वो स्थान पवित्र तीर्थ बन गए। उन्ही स्थानों में से एक उज्जैन है, जिसको पहले उज्जैनी के नाम से भी जाना जाता था।

ओंकारेश्वर

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान महादेव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो कि हिंदुस्तान के ह्दय मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मौजूद है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ॐ के आकार में है इसीलिए इसे ओंकारेश्वर या ॐकारेश्वर कहा जाता है। इस मंदिर में शिव के परम भक्त कुबेर ने तपस्या की और शिवलिंग की स्थापना की थी। हिंदू धर्म ग्रंथ में वायुपुराण और शिवपुराण में ओंकारेश्वर शिवलिंग का वर्णन मिलता है।

ऐसा माना जाता है कि कुबेर के स्नान के लिए शिवजी ने अपनी जटा से कावेरी नदी उत्पन्न किया था। मंदिर के पुजारियों के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मात्र ज्योतिर्लिंग है जहा पर आदि देव भगवान शयन करने के लिए आते हैं और उनके साथ माता पार्वती भी रहती हैं।

केदारनाथ

केदारनाथ हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित है। जानकारी के लिए बता दे कि जलवायु ठीक ना होने के कारण केदारनाथ मंदिर के कपाट अप्रैल माह में खुलते हैं और नवंबर माह में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं।

उत्तराखंड में बद्रीनाथ भी है और ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति केदारनाथ दर्शन किए बिना बद्रीनाथ धाम जाते है, उनको यात्रा का फल नहीं मिलता। इसलिए जब भी प्लान बनाये तो दोनों जगह जरूर जाये।

सभी 12 ज्योतिर्लिंग अपनी सुंदरता और धार्मिक महत्त्व के लिए जाने जाते है। देश विदेश से भी हर साल लाखो पर्यटक यहाँ पर आते है। खास कर कुम्ह के महीनो में तो यहाँ पर दर्शन करना भी मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी पुण्य लाभ कमाना चाहते है तो इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन जरूर करे।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने आपको भारत के 12 ज्योतिर्लिंंगो के ना और ये कहा पर स्तिथ है, के बारे में बताया। आशा करते है कि ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

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