Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की पीढिया और फायदे

Neha Arya
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Generation of Computer in Hindi
Generation of Computer in Hindi

आज कंप्यूटर के बिना कोई भी काम करने की कल्पना करना भी मुश्किल है। एजुकेशन से लेकर सरकारी दफ्तरों में कंप्यूटर की निर्भरता बढ़ती जा रही है. सालो से कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन पहले की तुलना में अब कंप्यूटर अधिक एडवांस्ड हो गए है. कंप्यूटर में समय के साथ काफी परिवर्तन हुआ है। कंप्यूटर में होने वाले बदलावों को कंप्यूटर की पीढ़ी (Generation of Computer in Hindi) के रूप में बांटा जाता है।

पहले के कंप्यूटर बहुत बड़े हुआ करते थे, किन बदलते समय के साथ कंप्यूटर के क्षेत्र में सुधार हुआ. अब कम्प्पूटर का साइज बहुत छोटा हो गया है और इनके काम करने की तेजी भी बढ़ी है. आज के इस आर्टिकल में हम Generation of Computer in Hindi यानि की (कंप्यूटर की पीढ़ीयां) के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

कंप्यूटर की पीढिया क्या है? Generation of Computer in Hindi

आज के समय में कंप्यूटर और लेपटॉप का साइज बहुत पतला हो गया है. पहले के कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे, जिसको रखने के लिए बहुत जगह की जरुरत होती थी. इसके साथ ही ये बहुत स्लो काम करते थे. लेकिन बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ कंप्यूटर में भी बदलाव हुए और पहले की तुलना में हलके और तेज काम करने लगे।

First Generation of Computer

कंप्यूटरो की प्रथम पीढ़ी समय 1946 से 1959 के बीच में था। इस generation में कंप्यूटर का साइज इतना बड़ा होता था की इसको रखने के लिए बड़े बड़े कमरे की जरुरत होती थी. इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में कांच के बने वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था.

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर इतने advance और modern नहीं हुआ करते थे। इसके साथ ही इसमें बहुत अधिक बिजली की खपत होती थी और अत्यधिक गर्मी पैदा होती थी. इन कंप्यूटर का उपयोग कैलकुलेट करने, डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता था।

Second Generation of Computer

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1956 में हुई थी और इसका अंत 1963 में हुआ. इस कंप्यूटर में वैक्यूम की जगह ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाने लगा जिसकी वजह से ये कंप्यूटर पहले की तुलना में थोड़े छोटे हो गए. ट्रांजिस्टर के आने के बाद कंप्यूटर के क्षेत्र में काफी ज्यादा विकास हुआ.

Second Generation के कंप्यूटर में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था. जिस वजह से ये तेजी से काम करते थे. इसके साथ ही पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों को मेन्टेन करना आसान था।

Third Generation of Computer

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (चीप) का इस्तेमाल किया जाने लगा. तीसरी पीढ़ी आने तक कंप्यूटर के छेत्र में काफी ज्यादा विकास हो चूका था. जिस वजह से दूसरी जेनरेशन के कंप्यूटर की तुलना में काफी कम थी, लेकिन इसमें इस्तेमाल की जाने वाली चीप को बनाना और रिपेयर करना काफी मुश्किल हुआ करता था.

इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी फ़ास्ट और इसके साथ साथ मैमोरी की क्षमता भी काफी ज्यादा बढ़ गई थी. इस तरह के कंप्यूटर का उपयोग स्कूलों, विश्वविद्यालयों, विज्ञान के क्षेत्र में आदि में किया जाता था. पिछले दोनों जनरेशन की तुलना में third generation के कंप्यूटर बहुत कम गर्मी पैदा करते थे।

Fourth Generation of Computer

कंप्यूटर के चौथी पीढ़ी का दौर 1970 से 1985 तक का था. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी में IC की जगह माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाने लगा. इस माइक्रोप्रोसेसर में बहुत सारे LSI Circuit होते है, जिस वजह से कंप्यूटर की स्पीड और क्षमता दोनों बढ़ गई थी. इस पीढ़ी के कंप्यूटर साइज में बहुत छोटे थे लेकिन फीचर्स बहुत सारे मिलने लगे।

यह कंप्यूटर हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कि -C, C++ को भी सपोर्ट करते थे और ये गर्मी भी पैदा नहीं करते थे. कंप्यूटर का साइज छोटा होने की वजह से इसको एक जगह से दूसरी जगह ले जाना बहुत आसान हो गया था. इस जेनरेशन के कंप्यूटर काफी सस्ते होते थे और इसका रख-रखाव भी काफी कम था।

Fifth Generation of Computer

वर्तमान समय में जिस कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे है वह पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर है. पांचवीं पीढ़ी में AI (Artificial Intelligence) तकनीक का इस्तेमाल किया जाने लगा. इन computers की स्पीड सबसे ज्यादा होने की वजह से स्वास्थ्य, मनोरंजन, रोबोट बनाने के साथ विभिन्न उद्योगों में किया जाने लगा. Fifth Generation of Computer जटिल से जटिल कामो को आसानी से कुछ ही समय में कर देते है.

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर ने उन्नति और आधुनिकता के मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया. इसमें इंटरनेट का इस्तेमाल करके आसानी से जानकारी को प्राप्त करना बहुत ही आसान हो गया. इस तरह के कंप्यूटर का साइज बहुत ही छोटा और वजन में बहुत हल्का हो गया. हालाँकि इस तरह के कंप्यूटर को बनाने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की जरुरत होती है।

निष्कर्ष

समय के साथ टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है, जिस वजह से कंप्यूटर की क्षमता, मैमोरी के साथ कंप्यूटर का साइज भी बदला. कंप्यूटर के सभी जनरेशन में यह बदलाव देखा जा सकता है. कंप्यूटर के आने से काम करने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. आज किसी भी काम को आसानी से करने लिए कंप्यूटर आवश्यक हो गया है।

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Hello, friends मेरा नाम Neha Arya, Minide.co.in में Author & Co-founder हूँ. आप हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहिये हम आपको नई - नई जानकारी उपलब्ध करते रहेंगे।
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