Types of Computer in Hindi – कंप्यूटर के प्रकार हिन्दी में

Neha Arya
16 Min Read
Types of Computer in Hindi
Types of Computer in Hindi - कंप्यूटर के प्रकार हिन्दी में

Types of Computer in Hindi (कंप्यूटर के प्रकार) : आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कंप्यूटर के प्रकार कितने होते है और ये किस तरह से काम करते है। इस लेख में बहुत ही आसान शब्दों में कंप्यूटर के प्रकारों का वर्णन किया है। आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढिए। तो चलिए शुरू करते है।

Contents
Types of Computer in Hindi – कंप्यूटर के प्रकार1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरणमाइक्रो कंप्यूटर की विशेषताए2. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)Mini Computer के उदाहरणमिनी कंप्यूटर की विशेषताएं3. Mainframe Computer (मेनफ़्रेम कंप्यूटर)मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदाहरणमेनफ़्रेम की विशेषताएं4. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरणएनालॉग कंप्यूटर की विशेषताएं5. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)Digital Computer के उदाहरणDigital Computer की मुख्य विशेषताएं6. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)हाइब्रिड कंप्यूटर के उदाहरणहाइब्रिड कंप्यूटर की विशेषताएं7. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)सुपर कंप्यूटर के उदाहरणसुपर कंप्यूटर की विशेषताएं8. वर्कस्टेशन (Workstation)वर्कस्टेशन के उदाहरणवर्कस्टेशन की विशेषताएं9. पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer)पर्सनल कंप्यूटर के उदाहरणपर्सनल कंप्यूटर की विशेषताएंनिष्कर्ष

कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चूका है। इसके बिना जीवन की कल्पना कर पाना मुश्किल है। लेकिन जानकारी के लिए बता दे की कंप्यूटर का इतिहास सालो पुराना है। पहले के समय में computer अलग तरह के होते थे, लेकिन समय और बदलती टेक्नोलॉजी की वजह से इसके आकार और काम करने की शक्ति में प्रगति हुई है।

Types of Computer in Hindi – कंप्यूटर के प्रकार

कंप्यूटर के मुख्य रूप से 9 प्रकार हैं, जिनके बारें में नीचे दिया गया है।

  1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
  2. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
  3. मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
  4. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
  5. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
  6. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
  7. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
  8. वर्कस्टेशन (Workstation)
  9. पर्सनल कंप्यूटर (PC)

1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)

माइक्रो कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर के नाम से भी बोलते है। यह एक छोटा और सस्ता कंप्यूटर है, जो कि व्यक्तिगत रूप से उसे किया जाता है। सबसे पहला Micro Computer 1970 के दशक में विकसित किया गया था। दुनिया के सबसे पहले माइक्रोकंप्यूटर का नाम माइक्रल था, जिसको Intel 8008 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करके बनाया गया था।

यह एक मल्टीटास्किंग कंप्यूटर है, जिसमे एक समय में बहुत सारे कार्य किये जा सकते है। जैसे कि – इंटरनेट चलाना, word में काम करना और गाने सुनना आदि। इस तरह के कंप्यूटर का उपयोग घरेलु उपकरणों जैसे Microwave, Television और Refrigerator में किया जाता है।

Types of Computer

माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण

  • Smart watch (समार्ट वाच)
  • Laptop (लैपटॉप)
  • Desktop (डेस्कटॉप)
  • Tablet (टेबलेट)
  • Smart phone (स्मार्ट फ़ोन)

माइक्रो कंप्यूटर की विशेषताए

  • इसका आकार काफी छोटा होता है, इसलिए इसे आसानी से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसकी कीमत बहुत ही कम होती है, जिस वजह से कोई भी इसको खरीद सकता है।
  • इसका प्रयोग केवल एक व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है।
  • इसमें semiconductor chip का उपयोग किया जाता है।
  • इसमें अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर को रन किया जा सकता है।

2. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)

मिनी कंप्यूटर की मिड रेंज कंप्यूटर के नाम से भी बोलते है। यह एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है, जिसका आकार ना ज्यादा छोटा होता है और ना ही ज्यादा बड़ा होता है। यह कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर से बड़ा होता है, लेकिन मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटा होता है। मिनी कंप्यूटर micro computer की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है। मिनी कंप्यूटर का इस्तेमाल एक साथ कई यूजर कर सकते है। मिनी कंप्यूटर को 1960 के दशक में IBM (इंटरनेशनल बिज़नस मशीन) के द्वारा विकसित किया था। इसमें 1 से अधिक प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है।

Mini Computer के उदाहरण

  • IBM AS/400
  • Honeywell 200
  • Motorola 68040
  • MV 1500

मिनी कंप्यूटर की विशेषताएं

  • यह मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में कम खर्चीला है। अर्थात् ये सस्ते होते हैं।
  • मिनी कंप्यूटर काफी हल्के होते है, जिसके कारण इन्हे कही पर भी ले जाया जा सकता है।
  • यह काफी तेज गति से कार्यो को करता है।
  • एक बार चार्ज करने पर यह लम्बे समय तक चलता है।
  • यह कंप्यूटर एक समय में 4 से 200 यूजर को सपोर्ट करता है।

3. Mainframe Computer (मेनफ़्रेम कंप्यूटर)

मेनफ़्रेम कंप्यूटर शक्तिशाली और फ़ास्ट कंप्यूटर होता है। इसका आकार बहुत बड़ा होता है, जिस वजह से बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर किया जा सकता है। इसकी कार्यक्षमता mini और micro computer की तुलना में बहुत अधिक होती है। यह भी एक multi-user कंप्यूटर होता है, इसलिए इसका इस्तेमाल एक से अधिक यूजर कर सकते हैं। इस तरह के कंप्यूटर की सबसे ख़ास बात ये कि बिना रुके दिन के 24 घंटे काम कर सकता है।

Mainframe Computer को 1950 के दशक में IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मॉडल) के द्वारा बनाया गया था। इस तरह के कंप्यूटर का इस्तेमाल बड़ी बड़ी कम्पनिया और सरकारी ऑफिस में डाटा स्टोर को करने के लिए किया जाता है।

मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदाहरण

  • IBM ZSeries
  • System z9
  • System z10
  • ICL 39
  • CDC Cyber

मेनफ़्रेम की विशेषताएं

  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर की performance काफी अच्छी होती है। लेकिन ये काफी महंगे होते है, जिस वजह से सभी कि पहुंच से दूर है।
  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता अधिक होती है अर्थात् यह बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर कर लेता है।
  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर अपनी विश्वसनीय (reliable) के लिए जाना जाता है, जो कि काफी लम्बे समय तक बिना किसी परेशानी के चलते है।
  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर में प्रोसेस के दौरान त्रुटि (error) होने की संभावना बहुत कम होती है। यदि किसी वजह से त्रुटि हो जाती है तो यह प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना उसे तुरंत ठीक कर देता है।

4. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)

एनालॉग कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर है, इसका उपयोग एनालॉग डेटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है। इसके जरिये भौतिक मात्राओं जैसे electric current, frequency और resistance को मापने के लिए किया जाता है। एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल हम दैनिक जीवन में रेफ्रिजरेटर, स्पीडोमीटर जैसे डिवाइसों में करते है। Analog computer का उपयोग पेट्रोल पंप में, वैज्ञानिक कार्यों में, और टेलीफोन लाइन में किया जाता है।

एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण

Speedometer : यह एक एनालॉग कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल कार की स्पीड को measure (मापने) के लिए किया जाता है।

Auto Gasoline Pump : यह पेट्रोल की मात्रा को कैलकुलेट करता है और साथ ही साथ, यह पेट्रोल के मूल्य को भी कैलकुलेट करता है।

एनालॉग कंप्यूटर की विशेषताएं

  • एनालॉग कंप्यूटर ट्रांसड्यूसर की मदद के बिना गणना करने की अनुमति देता है।
  • इसमें बहुत सारी वैल्यू को एक साथ कैलकुलेट किया जा सकता है।
  • इसके कार्य करने की स्पीड काफी धीमी होती है।
  • एनालॉग कंप्यूटर ज्यादातर मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल मशीन होते हैं। जो जोड़, गुणा, घटाव और भाग जैसे कार्य कर सकते हैं।

5. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)

Digital Computer बाइनरी संख्या (0 और 1) पर काम करते है, जिस वजह से उसे डिजिटल कंप्यूटर कहा जाता है। कुछ लोग तो इसको Binary Computer भी कहते है। यह कंप्यूटर केवल अंकों यानी 0 और 1 को समझता है। इस कंप्यूटर में एक storage device लगा होता है जो की data store का काम करता है। डिजिटल होने की वजह से इस कंप्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड भी बहुत तेज होती है, जिस वजह से दैनिक जीवन में इसका उपयोग किया जाता है।

सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर को 1940 के दशक में बनाया गया था। तब इसे सिर्फ गणितीय कार्य करने के लिए ही विकसित किया गया था। लेकिन अब ये सभी तरह के कामो को कर सकता है। हम सभी इसी तरह के कंप्यूटर और लेपटॉप का इस्तेमाल करते है।

Digital Computer के उदाहरण

  • Apple Mac
  • Calculators
  • IBM PC
  • Digital Clocks

Digital Computer की मुख्य विशेषताएं

  • डिजिटल कम्प्यूटर में सूचनाएँ बड़ी मात्रा में संग्रहित की जा सकती हैं |
  • यह स्टोर डेटा को आवश्यकता के अनुसार पुनप्राप्त (retrieve) कर सकता है।
  • यह ज्यादा महंगे नहीं होते।
  • यह तेज गति से कार्यो को पूरा करता है।
  • इसमें डेटा को डिजिटल रूप में संसाधित (process) किया जाता है।
  • यह multi-tasking होता है अर्थात् इसमें हम एक समय में बहुत सारें कार्य एक साथ कर सकते हैं।

6. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)

हाइब्रिड कंप्यूटर में एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटरों की विशेषताएं शामिल होती है। ऐसा भी कहा जाता है की इस कंप्यूटर को analog और digital टेक्नोलॉजी की मदद से बनाया गया है। इस वजह से हाइब्रिड कंप्यूटर में इन दोनों कंप्यूटरों की कार्यक्षमता (functionality) होती हैं। यह कंप्यूटर कठिन से कठिन गणना (calculation) को कुछ ही सेकण्ड्स में कर सकता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग डेटा को प्राप्त करता है, और उन्हें प्रोसेस करके डिजिटल डेटा में बदल देता है। इसका इस्तेमाल पेट्रोल पम्प, हवाई जहाज, हॉस्पिटल और वैज्ञानिक कार्यों में किया जाता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर के उदाहरण

  • Speedometer यह एक हाइब्रिड कंप्यूटर है। इसका उपयोग कार की स्पीड को मापने के लिए करते है।
  • Thermometer यह भी hybrid Computer है इसका उपयोग हॉस्पिटल में मरीज के तापमान (temperature) को मापने के लिए किया जाता है।
  • Auto Gasoline Pump यह पेट्रोल की मात्रा को कैलकुलेट करता है, और इसके साथ साथ यह पेट्रोल के मूल्य को भी कैलकुलेट करता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर की विशेषताएं

  • हाइब्रिड कंप्यूटर काफी तेज होते है। जो तेज गति और कुशल गणना क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं।
  • यह तेज़ गति से गणना करते हैं और तुरंत परिणाम देते हैं।
  • यह यूजर को सटीक (accurate) परिणाम दिखाता है।
  • यह बड़ी – बड़ी एक्वेशन को हल करने में सक्षम होता है।
  • यह ऑनलाइन डेटा को प्रोसेस करने में मदद करता है।

7. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

Super Computer आकार में काफी बड़े होते है। यह काफी फ़ास्ट कंप्यूटर होते है, जो अपने कार्यो को बहुत कम समय में पूरा कर देते है। बड़ी मात्रा में डाटा को प्रोसेस करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। Super Computer को आधुनिक तकनीक से बनाया जाता है, जिस वजह से विशेष कार्यो को करने के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जाता है

सबसे पहले सुपर कंप्यूटर को 1976 में रोजर क्रे के द्वारा विकसित किया गया था। जिसका इस्तेमाल Medical Tests करने के लिए किया जाता था। इस तरह के कंप्यूटर की स्पीड को FLOPS (Floating Point Operation Per Second) में मापा जाता है।

यह एक सेकंड में अरबों निर्देशों को प्रोसेस कर सकता है। इस तरह के कंप्यूटर में हजारो प्रोसेसर एक साथ आपस में जुड़े होते है, जिस वजह से कंप्यूटर के काम करने की गति बहुत तेज हो जाती है। वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग से संबंधित कार्यो के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे – Weather Forecasting, और परमाणु ऊर्जा अनुसंधान में आदि।

सुपर कंप्यूटर के उदाहरण

  • परम 8000 (भारत का पहला super computer )
  • IBM Summit
  • Sunway TaihuLight
  • NUDT Tianhe-2
  • Cray HPE Trinity

सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं

  • यह कंप्यूटर काफी बड़े आकार के होते है।
  • यह काफी महंगे कंप्यूटर होते है।
  • सुपर कंप्यूटर के कार्य करने की गति (स्पीड) काफी तेज होती है।
  • सुपर कंप्यूटर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पासवर्ड को डिक्रिप्ट (Decrypt) किया जा सकता है।
  • सुपर कंप्यूटर उपयोग परमाणु हथियारों को टेस्ट करने के लिए किया जाता है।

8. वर्कस्टेशन (Workstation)

वर्कस्टेशन कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है। यह सामान्य कम्प्यूटरों की तुलना में अधिक प्रोसेसिंग पावर होती है। वर्कस्टेशन में एक तेज माइक्रोप्रोसेसर होता है, इसके साथ काफी बड़ी मात्रा में रैम और हाई स्पीड ग्राफिक एडॉप्टर होता है। जो की कार्य करने की स्पीड को बढ़ा देता है। एक सामान्य कंप्यूटर की तुलना में ये बहुत सारे कंप्यूटर का काम कर देता है।

वर्कस्टेशन एक सिंगल यूजर कंप्यूटर है। इसका अविष्कार वर्कस्टेशन तकनीक और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए किया गया है। यह अपने कार्यो को बड़ी सटीकता (accuracy) के साथ करता है। वर्कस्टेशन वीडियो एडिटिंग, हाई ग्राफिक्स में गेम खेलना, और 3D एनीमेशन जैसे कठिन काम को करता है।

वर्कस्टेशन के उदाहरण

  • Unix-based Sun
  • Compaq
  • SGI Workstation

वर्कस्टेशन की विशेषताएं

  • वर्कस्टेशन काफी महंगे होते है।
  • वर्कस्टेशन का उपयोग जटील कार्यो को पूरा करने के लिए किया जाता है।
  • वर्कस्टेशन सामान्य कंप्यूटर की तुलना में बेहतर ग्राफिक्स प्रदान करता है।
  • वर्कस्टेशन स्टोरेज छमता भी काफी ज्यादा होती है।

9. पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer)

पर्सनल कंप्यूटर एक छोटा और काम लागत वाला कंप्यूटर होता है, जिस वजह से ये आसानी से सभी के लिए उपलब्ध है। कोई भी इसको खरीद सकता है और इस पर अपना कार्य कर सकते है। पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण सामान्य कार्यों को पूरा करने के लिए किया गया है। जिस से वह अपनी पढाई के कार्यो के साथ मूवी देखना, या ऑफिस के काम को कर सकते है। पर्सनल कंप्यूटर में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), मेमोरी, इनपुट यूनिट और आउटपुट यूनिट होता है। पर्सनल कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर भी कहा जा सकता हैं।

पर्सनल कंप्यूटर के उदाहरण

  • डेस्कटॉप
  • नोटबुक
  • टेबलेट
  • स्मार्टफोन

पर्सनल कंप्यूटर की विशेषताएं

  1. पर्सनल कंप्यूटर में सीमित संख्या में सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है।
  2. इसका आकार काफी छोटा होता है।
  3. पर्सनल कंप्यूटर को व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  4. इसको उपयोग करना काफी आसान होता है।
  5. इसे सीखना भी काफी सरल है।

आप और हम जिस कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है वह पर्सनल कंप्यूटर होता है। इसको एक जगह से दूसरे स्थान पर ले जाना भी बहुत आसान है। अब तो शहरो से लेकर गांवो में भी इस तरह के कंप्यूटर मिल जाते है।

निष्कर्ष

इस लेख में कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer in Hindi) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की, इसके साथ इनको कब बनाया गया और ये किस किस तरह के काम कर सकते है। आशा करते है की आपको ये जानकारी पसंद आई होगी, इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे।

यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो Minidea को Subscribe जरूर करे। साथ ही हमें Facebook पर जरूर Follow करे।

Share This Article
Leave a comment