ओवरड्राफ्ट एक ऐसी लोन सुविधा है जिसके जरिये आप अपने बैंक अकाउंट में मौजूदा राशि से अधिक खर्च कर सकते हैं. कुछ समय बाद इसका भुगतान किया जा सकता है. जब तुरंत पैसो की जरुरत होती है तो ओवरड्राफ्ट लोन (Overdraft Loan) का इस्तेमाल कर सकते है।
कई बार इमरजेंसी के हालात में पैसों की जरूरत पड़ने पर हम पर्सनल लोन या फिर FD (Fixed Deposit) को तुड़वाते है। अगर आप भी इसके बिना पैसो की जरूरत पूरा करना चाहते हैं तो ओवरड्राफ्ट लोन (Overdraft Loan) ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि ओवरड्राफ्ट लोन कैसे लिया जाता है और इसका क्या फायदा होता है?
ओवरड्राफ्ट लोन क्या है?
ओवरड्राफ्ट एक ऐसी क्रेडिट सुविधा है जिसके जरिये करंट या सेविंग अकाउंट में जीरो बैलेंस होने पर भी पैसे निकाल सकते है। यह असल में एक फाइनैंशियल फैसलिटी है। बैंक ओवरड्राफ्ट के रूप में निकाले गए पैसों पर ब्याज लेता है। हालाँकि ओवरड्राफ्ट लोन की ब्याज दर (Interest Rate on Overdraft) बैंक पर निर्भर करती है।
इसके साथ ही आवेदक की प्रोफाइल, लोन राशि, भुगतान अवधि और बैंक या लोन संस्थान के साथ ग्राहक के संबंध आदि पर भी Overdraft Interest Rate निर्भर करती है। इस पर लगने वाले ब्याज की गणना डेली बेसिस पर होती है।
यह भी पढ़े: Acquisition Meaning in Hindi – अधिग्रहण क्या है?
ओवरड्राफ्ट के लिए कौन पात्र है?
ओवरड्रॉफ्ट की योग्यता शर्तें एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकती है। हालांकि यहां कुछ सामान्य योग्यता शर्तों के बारे में बताया गया है:
- आवेदक के पास सेविंग या करंट अकाउंट होना चाहिए, जो 6 माह से 1 साल तक पुराना हो
- स्थिर आय का स्रोत होना चाहिए जैसे नौकरी, बिज़नेस या पेंशन
- 750 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर होने पर आवेदन को मंजूरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
ओवरड्राफ्ट लोन के फायदे
ओवरड्राफ्ट लोन के लाभ (Overdraft Benefits) निम्नलिखित प्रकार है:
- बिजनेस को चलाने के लिए कैश फ्लो मैनेजमेंट में मदद करता है।
- बिना किसी सिक्योरिटी या कोलैटरल के लोन ले सकते हैं यानी लोन लेने के लिए बैंक में कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।
- तुरंत पैसों की जरूरत पड़ने पर यह लोन मददगार है
- ओवरड्राफ्ट की कुल राशि में से ब्याज केवल निकाले/इस्तेमाल किए गए पैसों पर लगता है
- बिना झंझट के कम दस्तावेजों के साथ तुरंत लोन ले सकते हैं
यह भी पढ़े: Mutual Fund Kya Hai – प्रकार, लाभ और निवेश कैसे करें
ओवरड्राफ्ट लोन के नुकसान
ओवरड्राफ्ट लोन के फायदे हैं तो कुछ नुकसान (Overdraft Disadvantages) भी। इसके नकारात्मक पहलू निम्नलिखित है:
- ओवरड्राफ्ट लोन की ब्याज दरें अधिक है और ब्याज दरों में परिवर्तन के अनुसार ब्याज शुल्क बदलता है
- केवल बैंक खाता धारकों को ही ये लोन ऑफर किया जाता है
- लोन राशि आवेदक के वित्तीय स्थिति पर निर्भर करती है
- ओवरड्राफ्ट लोन लॉन्ग टर्म फाइनेंस के लिए उपयुक्त नहीं है.
ओवरड्राफ्ट में कितनी रकम मिलती है?
ओवरड्राफ्ट के तहत मिलने वाली राशि को बैंक द्वारा तय किया जाता है. अगर आपका सैलरी अकाउंट है, तो आपको सैलरी की दोगुनी या तिगुनी रकम भी मिल सकती है. यह पूरी तरह से अकांउट हिस्ट्री, पेमेंट रिकॉर्ड या क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है।
ओवरड्राफ्ट लोन नहीं चुका पाएं तो?
ओवरड्राफ्ट लोन को चुकाने के लिए समय सिमा निर्धारित होती है। अगर आप ओवरड्राफ्ट राशि नहीं चुका पाते, तो बैंक आपके बचत खाते से रकम को निकाल सकता है। यदि समय पर ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के तहत मिलने वाले लोन नहीं चुकाते है तो इससे आपका CIBIL स्कोर प्रभावित होगा।
यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो Minidea को Subscribe जरूर करे। साथ ही हमें Facebook पर जरूर Follow करे।