Khatu Shyam Ji Ki Aarti : खाटू श्याम जी की आरती

Raaj Sharma
5 Min Read
Khatu Shyam Ji Ki Aarti Hindi

Khatu Shyam Ji Ki Aarti : श्री खाटू श्याम जी वर्तमान समय (कलियुग) के देवता है। हिन्दू ग्रंथो के अनुसार महाभारत में समय बर्बरीक ने धर्म के मार्ग का पालन करने के लिए अपना शीश बलिदान कर दिया था तब भगवान कृष्ण (lord krishna) ने उन्हें वर्तमान समय में पूजे जाने का वरदान दिया था। भगवान कृष्ण ने बर्बरीक के बलिदान से खुश होकर वरदान दिया की कलियुग के बारे पर उन्हें उनके स्वरूप श्याम के नाम से पूजा जाएगा।

खाटू श्याम का मुख्य पवित्र स्थान खाटू नगरी (जिला सीकर राज्य राजस्थान) में स्तिथ है। हालाँकि भारत के कई हिस्सों में उनके मंदिर है। बाबा श्याम को हारे का सहारा भी कहा जाता है। बर्बरीक ने अपनी माँ की सलाह पर निश्चय किया कि जो हां रहा है वे उसका समर्थन करेंगे। इसी वजह से उन्हें इस नाम से जाना जाता है।

खाटू श्याम की कहानी

हिडिम्बा और भीम के पुत्र का नाम घटोत्कच था और उनका पुत्र बर्बरीक था, जो की वीरता और बेदाग शक्तियों के लिए जाने जाते थे। पिता और पुत्र दोनों ने महाभारत के युद्ध में बाग़ लिया और अपने प्राणो की आहुति दी। जिसके बाद कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया की कलयुग में बर्बरीक को श्याम (भगवान कृष्ण के नामों में से एक) के नाम से पूजा जायेगा।

History of Khatu Shyam Temple | खाटू श्याम मंदिर का इतिहास

खाटूश्याम (khatushyam) को जरुरतमंदो और गरीबो का सहारा माना जाता है। महाभारत युद्ध के समय भगवान कृष्ण उनकी वीरता से बहुत प्रभावित हुए। मृत्यु के समय बर्बरीक ने अपनी इच्छा जाहिर की और बताया की वह महाभारत युद्ध को देखना चाहते है, जिस वजह से भगवान कृष्ण ने उनका सिर कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान के पास एक पहाड़ी की चोटी पर रख दिया। जहा से उन्होंने पुरे युद्ध को देखा।

Share This Article
Leave a comment