Shri Ram Stuti : राम स्तुति भगवान श्री राम जी को समर्पित है। इसका नियमित रूप से पाठ करने से सभी कार्य पुरे हो जाते है। भगवान् राम को प्रसन्न करने श्री हनुमान जी को भी प्रसन्न कर सकते है। इसलिए जब भी हनुमान पाठ करे तो पहले भगवान राम की स्तुति जरूर करे।
राम स्तुति शब्दों का एक अनूठा पैटर्न है जिसमे विशिष्ट परिणाम लाने की एक छिपी हुई शक्तिशाली और रहस्यमय शक्ति होती है। भगवान् राम का नाम लेने से परम भक्त हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है। इसलिए हमेशा याद रखे की बजरंगबली की पूजा से पहले राम की इस स्तुति का जाप जरूर करें
श्री राम स्तुति | About Shri Ram Stuti
भगवन राम की प्रार्थना करने के लिए किसी विशिष्ट मंत्र का ध्यान किया जाता है। रामायण में राम का अर्थ हमारी आत्मा, परमचेतना, सत्य और सदाचार है। नियमित राम स्तुति का पाठ करने से तनाव दूर करता है, एकाग्रता और फोकस में सुधार आता है। यह मधुर रचना पारंपरिक धार्मिक तत्वों को आधुनिक संगीत व्यवस्था के साथ सहजता से जोड़ती है। श्री राम स्तुति श्रोताओं को एक दिव्य क्षेत्र में ले जाती है।
श्री राम स्तुति | Shri Ram Stuti
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन
हरण भवभाय दारुणं।
नवकंजा लोचना कंजा मुखकारा,
कंजा पदा कंजारुणं ॥ 1॥
कंदर्पा अगनिता अमिता छव नवा,
नीला नीरारा सुन्दरम्।
पतिपिता मानहुं तदिता रुचि शुचि,
नवमि जनक सुतावरम्॥ 2॥
भजु दीन बंधु दिनेश दानव,
दैत्यवंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल,
चंदा दशरथनन्दनम्॥ 3॥
सिरा मुकुता कुंडला तिलका चारु,
उदारु अंग विभूषणम्।
आजानु भुजा शर चापधारा,
संग्राम-जिता-खरा दूषणम्॥ 4॥
इति वदति तुलसीदास शंकर,
शेष मुनि मनरंजनम्।
मामा हृदयकंज निवास कुरु,
कामादि खलादल गंजनम् ॥ 5॥
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु,
सहज सुन्दर संवरो ।
करुणा निधान सुजान सीलु,
सनेहु जानत रावरो॥ 6॥
एहि भाँति गौरी असीस सुनि सिया,
सहिता हियान हरशी अली।
तुलसी भवनिहि पूजि पुनि पुनि,
मुदित मन मन्दिर चले॥ 7॥
॥ सोरठा ॥
जानी गौरी अनुकूल,
सिय हिय हरषु न जाय कहिन।
मंजुला मंगला मूल,
बम अंग फ़रकाना लागे॥ 8॥
श्री राम स्तुति (shri ram stuti) या श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन की रचना श्री गोस्वामी तुलसीदास (goswami tulsidas) द्वारा की गई है। यह एक प्रार्थना है जो की भगवान् राम की महिमा का वर्णन करती है। भगवान् राम को मर्यादा पुरूषोत्तम या आदर्श पुरुष माना जाता है इसके साथ माता सीता को आदर्श महिला के रूप में पूजा जाता है।
भगवान राम का नाम लेने से भक्त हनुमान जी जल्दी खुश हो जाते है। इसलिए जब भी बजरंगबली की पूजा करे तो रघुनंदन राम की स्तुति करना जरुरी है। भगवन विष्णु के 10 अवतारों में से एक राम है, जो की सदाचार और धर्म, या सही कर्म के प्रति दृढ़ पालन का प्रतीक है।