Shri Hanuman Ji Ki Aarti : हिंदी धर्म में पूजा-पाठ का अधिक महत्त्व है। इसके साथ पूजा करने से हमें आराम, सकारात्मक सोच और तरोताजा महसूस करने में मदद मिलती है। अगर आप भी जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे है तो हनुमान जी की पूजा पाठ जरूर करे। कोई भी साधना आरती के बिना पूरी नहीं होती। इसके साथ को भी त्यौहार या धार्मिक कार्यक्रम आरती के गायन के बिना पूरा नहीं होता है।
आरती भगवान को प्रसन्न करने के साथ-साथ शांति भी देती है इसके जरिये उपासक अपने भगवाम की आराधना करते है। सच्चे मन के साथ आरती करने से शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
दुनियाभर में भगवान् हनुमान के मंदिर है, अगर आप भी अपने जीवन में परशानी का सामना कर रहे है तो संकट मोचन हनुमान की पूजा अवश्य करनी चाहिए। कुछ लोग हनुमान जी की आरती करते समय गलती करते है, जिससे उचित फायदा नहीं मिलता। इस आर्टिकल में हम Hanuman Ji Aarti को साँझा कर रहे है।
भगवान हनुमान कौन हैं? Who is Lord Hanuman?
भगवान हनुमान हिंदू धर्म के सबसे व्यापक रूप से पूजे जाने वाले देवताओ में से एक है। वह चिरंजीवी और भगवान राम के एक उत्साही भक्त में से एक हैं। उनका उल्लेख महाकाव्य महाभारत और पुराण जैसे कई अन्य ग्रंथों में मिलता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार हनुमान से श्री राम के साथ रावण को हारने में मदद की। इसके साथ ही भगवान हनुमान को भगवान शिव का अवतार माना जाता है।
हनुमान को प्रेम, करुणा, भक्ति, शक्ति और बुद्धि के देवता के रूप में जाना जाता है। भक्त उनकी शक्ति, बुद्धि, प्रतिबद्धता और साहस prapti के लिए उनकी पूजा करते हैं।
Shri Hanuman ji Ki Aarti | हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
हनुमान जी की आरती कब करें? | When to perform Hanuman ji Aarti
हनुमान जी की आरती सुबह और शाम दोनों समय कर सकते है। अगर आपको सुबह समय नहीं मिलता तो शाम के समय भी आरती कर सकते है। इस समय हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि भगवन हनुमान बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है।
कहा जाता है कि भगवान हनुमान कलियुग के देवता हैं और मंगलवार के दिन उनकी पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मंगलवार के दिन पूजा के साथ वृत्त भी कर सकते है।
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए सादगी और ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरूरी है। पूजा के दौरान पान, सिन्दूर, लाल फूल, चोला, लड्डू और अक्षत जैसी चीजें चढ़ा सकते है। इन सभी चीजों को अर्पित करने से उन्हें आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
हनुमान आरती पढ़ने के लाभ | Benefits of Reading Hanuman Aarti
भक्तिपूर्वक हनुमान आरती का पाठ करने से कई लाभ होते है जिसमे से कुछ उल्लेखनीय लाभ को साँझा कर रहे है।
- भगवान हनुमान के प्रति आस्था और भक्ति को मजबूत करना।
- नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से सुरक्षा की मांग।
- कठिनाई के समय में साहस और शक्ति ढूँढना।
- शारीरिक और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देना।
- आध्यात्मिक विकास और आत्म-बोध को बढ़ाना।
- हनुमान आरती और इसका भक्तों से संबंध।
भगवन हनुमान के भजनो का लयबद्ध जप करने से भक्तो को आंतरिक शांति, भक्ति और दिव्य संबंध की भावना का अनुभव होता है। जब भी आरती करे तो सच्चे मन से, इस तरह से आसानी से सभी कार्य पूर्ण हो जायेंगे।