Ganesh Chaturthi : जानिए पूजा की तिथि, समय, मुहूर्त, महत्व, और अनुष्ठान

Raaj Sharma
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Ganesh Chaturthi kya Hai

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) : हिन्दू धर्म के सबसे प्रसिद्द त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान गणेश (Lord Ganesha) के जन्मदिन के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी से लेकर 10 दिनों तक भक्तगण बड़ी श्रद्धा से गणपति बप्पा की आराधना करते हैं।

गणपति बप्पा को बुद्धि, ज्ञान और विघ्नहर्ता के देवता के रूप में पूजा जाता है। इस लेख में जानेंगे कि गणेश चतुर्थी 2024 में कब है? और इस इस पर्व पर कौन से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?

गणेश चतुर्थी क्या है? (Ganesh Chaturthi kya Hai)

गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो की हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवन गणेश की स्थापना के बाद 10 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अंत में गणेश की मूर्ति का जल प्रवाह में विसर्जन कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी कब है 2024? (Ganesh Chaturthi kab Hai)

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर में 3 बजकर 1 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। इस दौरान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाएगी।

गणेश चतुर्थी 2024 तिथि और समय (Ganesh Chaturthi 2024 Tithi Aur Samay)

गणेश चतुर्थी तिथि 6 सितंबर दोपहर 3:31 से 7 सितंबर शाम 5:37 तक रहेगी और त्यौहार मनाने का शुभ समय इस प्रकार है।

चतुर्थी तिथि6 सितंबर दोपहर 3:31 से 7 सितंबर शाम 5:37 तक
त्यौहार मनाने का शुभ समय7 सितंबर को सूर्योदय के बाद से 

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का उत्सव धार्मिक से साथ सामाजिक भी है, जिसमे सभी लोग एकजुट होकर त्यौहार को मनाते है। भारत में सभी धर्मो के लोग एकत्रित होकर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आयोजनों में भाग लेते हैं।

गणेश चतुर्थी उत्पत्ति और महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। ग्रंथो के अनुसार जब माता पार्वती ने स्नान करते समय अपनी सुरक्षा के लिए मिट्टी से गणेश की मूर्ति बनाई थी। लेकिन भगवान् शिव ने गणेश का गणेश का सिर काट दिया था, जिसके बाद हाथी के सिर को लगा कर वापिस से गणेश को जीवित किया। इस प्रकार गणेश का पुनर्जन्म हुआ।

गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदुओं के लिए विशेष सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। इस दौरान लोग अपने घरो में गणेश जी की मूर्तियां स्थापित करते हैं और प्रतिदिन पूजा करते है। जब दसवें दिन मूर्तियों का जल में विसर्जन किया जाता है तो गणेश अपने साथ सभी बाधाओं को दूर ले जाते है।

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